SYBA Hindi II III_1 Syllabus Mumbai University


SYBA Hindi II III_1 Syllabus Mumbai University by munotes

Page 1

Page 2


Copy to : -

1. The Director of Board of Student Development.,
2. The Deputy Registrar (Eligibility and Migration Section)
3. The Director of Students Welfare,
4. The Executive Secretary to the to the Vice -Chancellor,
5. The Pro -Vice-Chancellor
6. The Registrar and
7 The Assistant Registrar, Administrative sub -centers, Ratnagiri,
Thane & Kalyan, for information.

1. The Director of Board of Examinations and Evaluation
2. The Finance and Accounts Officers
3. Record Sectio n
4. Publications Section
5. The Deputy Registrar, Enrolment, Eligibility and Migration Section
6. The Deputy Registrar (Accounts Section), Vidyanagari
7. The Deputy Registrar, Affiliation Section
8. The Professor -cum- Director, Institute of Distance and Open Learning
Education,
9. The Director University Computer Center (IDE Building), Vidyanagari,
10. The Deputy Registrar (Special Cell),
11. The Deputy Registrar, (PRO)
12. The Deputy Registrar, Academic Authorities Unit (1 copies) and
13. The Assistant Registrar, Executive Authorities Unit

They are requested to treat this as action taken report on the
concerned resolution adopted by the Academic Council referred to in the
above circular and that on separate Action Taken Report will be sent in this
connection.
1. The Assistant Registrar Constituent Colleges Unit
2. BUCTU
3. The Deputy Accountant, Unit V
4. The In -charge Director, Centralize Computing Facility
5. The Receptionist
6. The Telephone Operator
7. The Secretary MUASA
8. The Superintendent, Post -Graduate Section
9. The Superintendent, Thesis Section

for information.

Page 3


1













































UNIVERSITY OF MUMBAI
Revised Syllabus
And
Pattern of Question Paper in the
Subject of Hindi
At the
S.Y.B.A. PAPER - II & III
CHOICE BASED CREDIT SYSTEM (CBCS)

(With effect from the Academic Year: 2020 -2021 )

Page 4


2 UNIVERSITY OF MUMBAI
Revised Syllabus and Pattern of Question Paper in the
Subject of Hindi - PAPER II & III at the
S.Y.B.A. Examination
CHOICE BASED CREDIT SYSTEM (CBCS)
(With effect from the Academic Year: 2020 -2021 )
हिन्दी अध्य य न मण्डल















प ा ठ ् य क्र म स ह म ह ि







म ुंब ई ह ि श्व ह ि द्य ा ल य, म ुंब ई अ ध्य क्ष : ड ॉ . अ ह न ल ह स ुंि
1. डॉ. करुणाशंकर उपाध्याय (सदस्य)
2. डॉ. हूबनाथ पाण्डेय (सदस्य)
3. डॉ. विद्या वशंदे (सदस्य)
4. डॉ. शीला आहूजा (सदस्य)
5. डॉ. वित्रा गोस्िामी (सदस्य)
6. डॉ. संतोष मोटिानी (सदस्य)
7. डॉ. प्र काश धुमाल (सदस्य)
8. डॉ. गौतम सोनकांबले (सदस्य)
9. डॉ. मोहवसन ख़ान (सदस्य)
प्रश्न - प त्र II प्रश्न - प त्र III
1. डॉ. मोि हस न ख़ा न ( स मन् ि यक ) 1 . प्र ा . ि ब स् स म ख़ ा न ( स म न् ि य क )
2. डॉ. उमे शिन्द्र शुक्ल (सदस्य) 2. डॉ. सतीश पाण्डेय (सदस्य)
3. डॉ. ए म. एि. वसद्दीक़ी (सदस्य) 3. डॉ. रमा विनोद वसंह (सदस्य)
4. डॉ. अशोक ए. सालुंखे (सदस्य) 4. डॉ. नारायण बागुल (सदस्य)
5. प्रा. बालासाहेब गुंजाल (सदस्य) 5. प्रा. संजय िी. वनंबालकर (सदस्य)
6. डॉ. प्रिीण िंर वबष्ट (सदस्य) 6. डॉ. अरशद आिटे (सदस्य)
7. प्रा. संज्योवत एम. सानप (सदस्य)

Page 5


3 PAPER II , SEMESTER – III
NAME OF PROGRAM : B. A. (C.B.C.S)
NAME OF THE COURSE : S. Y. B. A.
COURSE CODE : UAHIN 301
TOTAL LECTURES : 45
CREDITS : 03

अ हि प्र ाय ए ि ुं उ द्द ेश्य- Aims and Objectives:
1. विद्यावथियों को वहन्द्दी की मध्यकालीन और आधुवनककालीन पद्य विधाओं की प्रवसद्ध , प्रिवलत रिनाओं एिं
पररिेश की जानकारी प्रदान करते हुए दाशिवनक, सामावजक , राष्ट्रीय , मानिीय और निीनतम आधुवनक जीिन-
शैली संबंधी मूल्यों का पररिय कराना।
2. वहंदी काव्य क े मध्यकाल से लेकर अद्यतन काव्य की प्रिृवियों एिं कविता क े विकास से अिगत कराते हुए काव्य
क े सामावजक , मानिीय सरोकारों क े साथ पयाििरण -िेतना को समृद्ध करना।
3. काव्य के अंतगित प्रयुक्त विविन्द्न शैवलयों का पररिय कराते हुए उसकी वशल्पगत बनािट क े साथ जीिन क े क्षेत्र में
काव्य की उपादेयता को दशिना ।

प रिणाम - Outcomes:
1. विद्यावथियों में मानिीय संिेदनाओं के विकास के साथ निीन सामावजक, सांस्कृवतक बोध और जीिन मूल्यों का
विकास होगा।
2. विद्यावथियों में सावहत्य क े मा ध्यम से कलात्मक गुणों की अवििृवद्ध होगी, कला की सावहवत्यक विधाओं क े प्रवत
अविरुवि जागृत होगी तथा रिनात्मक -कौशल को बढ़ािा वमलेगा ।
3. विद्यावथियों में न ये िैविक -मूल्यों के प्रवत सजगता को बढ़ािा वमलेगा एिं पयाििरणीय िेतना क े प्रवत दावयत्ि -बोध
उत्पन्द्न होगा।


अ ध् याप न प्र णाहल यााँ - Teaching Method :
1. व्याख्यान , विश्लेषण तथा व्याख्यात्मक पद्धवत का प्रयोग।
2. दृश्य/श्रव्य माध्यमों और संगणक का प्रयोग।
3. उदाहरण द्वारा पुवष्ट एिं लेखकों के अवतवथ व्याख्यान ।
4. स्िाध्याय / पररयोजना ।

Page 6


4 S. Y. B. A. PAPER II , SEMESTER – III (C.B.C.S)
ह न र् ा ा र ि ि प ा ठ ् य प स् ि क ें :
1. म ध् य क ा ल ी न औ ि आ र् ह न क क ा व् य संपादन : वहंदी अध्ययन मंडल, मुंबई वििविद्यालय , मुंबई
राजपाल एण्ड संज, 1590, मदरसा रोड , कश्मीरी गेट , वदल्ली।
प ा ठ ् य क्र म क े ह ल ए ह न र् ा ा र ि ि क ह ि ि ा ए ाँ-
• मध्यकालीन काव्य
( क ) क ब ीि क े दो ि े (कबीर -ग्रन्द्थािली , संपा. डॉ. माताप्रसाद गुप्त)
गुरुदेव कौ अंग-
1. पीछैं लागा जाइ ......... ..दीपक दीया हावथ ।।
2. सतगुर सािा सुररिां.........ली या ततसार॥
सुमिरण कौ अंग-
1. वजवह घवट प्री वत......... उपवज खये बेकांम॥
2. लूवट सकै तो......... ....यहु तन जैहै छूवट॥
मिरह कौ अंग-
1. यहु तन जालौं.............रांम पठांउं॥
2. अंखवियां झांईं.........पुकारर पुकारर॥
( ख ) स ूि द ा स क े प द (भ्रमरगीत -सार, संपा. आिायि रामिन्द्र शुक्ल)
1. ए अवल! कहा जोग.........जहर की बेली॥
2. अँवखयाँ हरर -दरसन.........सररता हैं सुखी॥
3. वनगुिन कौन देस को..........सबै मवत नासी॥
4. उधो! मन नाहीं दस.........पुरबौ मन जगदीस॥
( ग ) ि ल स ी द ा स क े पद (विनय -पवत्रका , तुलसीदास गीताप्रेस गोरखपुर)
1. दीन को दयालु............तुलवसदास मे रो॥
2. तू दयालु, दीन हौं.........िरन -सरन पािै॥
3. कबहूँ मन वबस्राम.........जनम वसरान्द्यो॥
4. जाऊ ँ कहाँ तवज........ ...अपनपौ हारे॥

Page 7


5 ( घ ) मीि ााँ ब ाई क े पद (संत मीराँबाई और उनकी पदािली, संपा. बलदेि िंशी)
1. बसो मेरे नैनन....... ........ िक्त िछल गोपाल॥
2. मेरे तो वगरधर गोपाल......... .तारो अब मोवह॥
3. पग घुँघरू बांध मीराँ...........की दासी रे॥
4. दरस वबन दूखन............... .मेटण सुख दैण॥
( ङ ) ि िीम क े दो ि े (रहीम ग्रन्द्थािली , संपा. विद्यावनिास वमश्र एिं गोविंद रजनीश)
1. एक ै साधे सब …………..फूलै फलै अघाय।।
2. खैर, खून, खाँसी……… ..जानत सकल जहान।।
3. जो रहीम उत् त म…… ..….लपटे रहत िुजंग।।
4. वबगरी बात बनै …… ...…मथे न माखन होय।।
5. रवहमन अँसुआ नैन………..िेद कवह देइ ।।
6. रवहमन धागा प्रेम ………..गाँठ परर जाय।।
( च ) हब िाि ी क े दो ि े (वबहारी रत्नाकर - श्री जगन्द्नाथदास ‘रत्नाकर’)
1. मेरी िि -बाधा................हररत -दुवत होइ॥
2. कहत, नटत, रीझत...........नैननु हीं सब बात॥
3. कागद पर वलखत............मेरे वहय की बात॥
4. या अनुरागी विि............उज्जलु होइ॥
5. घरु घरु डोलत दीन.........बिौ लखाइ॥
6. मोहन-मूरवत स्याम..........प्रवतवबंवबतु जग होइ॥
• आधुननक काव्य
1. मनुष्ट्यता : मैवथलीशरण गुप्त
2. िह तोिती पत्थर : सूयिकांत वत्रपाठी ‘वनराला’
3. कोवशश करने िालों की हार नहीं होती : सोहनलाल वद्विेदी
4. जो बीत गई सो बात गई : हररिंशराय बच्िन
5. अपना अह म् नहीं बेिूंगा : रामाितार त्यागी
6. शीशे और पत्थर का गवणत : वदनकर सोन िलकर
7. आज सिकों पर वलखे हैं (ग़ज़ल) : दुष्ट्यंत कुमार

Page 8


6 8. माँ पर नहीं वलख सकता कविता : िंरकांत देिताले
9. विकल्प : राजेश जोशी
10. एक और युद्ध : ओमप्रकाश िाल्मीवक
11. नये इलाक़ े में : अरुण कमल
12. उतनी दूर मत ब्याहना बाबा ! : वनमिला पुतुल

2. स् ि य ुंप्र ि ा ( ख ुंड क ा व् य ) : लेखक – रमाकांत शमाि ‘उद्भ्रांत’
प्रकाशक : अमन प्रकाशन 104/80 C रामबाग , कानपुर-208012


इ क ाई - ह ि ि ाज न - SEMESTER -III, PAPER II , COURSE COD E- UAHIN301

इकाई-1-व्याख्यान -04- क ब ीि , स ूि द ा स (पाठ िािन एिं व्याख्या)
इकाई-2-व्याख्यान -04- ि ल स ी, मीि ााँब ा ई (पाठ िािन एिं व्याख्या)
इकाई-3-व्याख्यान -04- ििीम, हब िािी (पाठ िािन एिं व्याख्या)
इकाई-4-व्याख्यान -15- आ र् ह न क क ा व् य (पाठ िािन एिं व्याख्या)
इकाई-5-व्याख्यान -13- स् ि य ुंप्र ि ा (पाठ िािन एिं व्याख्या)
व्याख्यान -05-पाठालोिन और प्रश्न ििाि
क्र े हडट - 03

निद्यानथियों हेतु प्रश्न पत्र का प्रारूप
प्र श्न प त्र II, स ेम े स् ट ि III ( ि ृि ी य स त्र )
प ूण ा ां क- 100 स मय - 0 3 : 0 0 घ ुंट े
प्रश्न-1 संदिि सवहत व्याख्या ( दोनों पुस्तकों में से विकल्प सवहत) अंक-20
प्रश्न-2 दीघोिरी प्रश्न ( दोनों पुस्तकों में से विकल्प सवहत) अंक-40
प्रश्न-3 सामान्द्य प्रश्न ( दोनों पुस्तकों में से वकसी एक का उिर अपेवक्षत) अंक-20
प्रश्न-4 वटप्पवण याँ (दोनों पुस्तकों से वि कल्प सवहत) अंक-10
प्रश्न-5 अवतलघूिरी िस्तुवनष्ठ (दोनों पुस्तकों में से) अंक-10
योग = 100


Page 9


7 स ुंद ि ा ग्र ुंथ- स ू च ी
1. कबीर – हजारीप्रसाद वद्विेदी
2. कबीर ग्रंथािली – संपा. डॉ माताप्रसाद गुप्त
3. विनय पवत्रका – वियोगी हरर
4. सूरदास – व्रजेश िमाि
5. संत मीराँबाई और उनकी पदािली – संपा. बलदेि िंशी
6. वबहारी रत्नाकर - श्री जगन्द्नाथदास ‘रत्नाकर’
7. िवक्त क े तीन स्िर : मीरा , सूर, कबीर – जॉन स्रैटन हौली , अनुिाद-अशोक कुमार
8. कविता क े नये प्रवतमान – नामिर वसंह
9. काव्यशास्त्र – िगीरथ वमश्र
10. छायािाद – नामिर वसंह
11. िारतेन्द्दु हररश्चंर – डॉ. रामविलास श माि
12. वनराला की सावहत्य साधना - डॉ. रामविलास शमाि
13. दुष्ट्यंत कुमार की ग़ज़लों का समीक्षात्मक अध्ययन – डॉ. सरदार मुजािर
14. रहीम के काव्य में पुराख्यान – डॉ. मो हवसन ख़ा न
15. ये रहीम दर दर वफररवहं – डॉ. श्रीकांत उपाध्याय
16. आवदिासी सावहत्य यात्रा – संपा. रमवणका गुप्ता
17. दवलत सावहत्य का समाजशास्त्र - ओमप्रकाश िलवमकी
18. दवलत सावहत्य का सौंदयिशास्त्र – शरणकुमार वलंबाले
19. िारतीय सावहत्य शास्त्र – बलदेि उपाध्या य
---------















Page 10


8
PAPER II , SEMESTER –IV
NAME OF PROGRAM : B. A. (C.B.C.S)
NAME OF THE COURSE : S. Y. B. A.
COURSE CODE : UAHIN 401
TOTAL LECTURES : 45
CREDITS : 03

अ ह ि प्र ा य ए ि ुं उ द्द ेश् य- Aims and Objectives:
1. विद्यावथियों को गद्य की व्यंग्य विधा की प्रवसद्ध , प्रिवलत व्यंग्यात्मक रिनाओं एिं समकालीन पररिेश की
जानकारी प्रदान करते हुए सामावजक, मानिीय , संस्कृवतक और निीनतम आधुवनक जीिन शैली संबंधी मूल्यों का
पररिय कराना।
2. वहंदी गद्य के प्रारवभिक काल में प्रस्फुवटत व्यंग्य रिनाओं से लेकर अद्यतन व्यंग्यात्मक रिनाओं, प्रिृवियों एिं
व्यंग्य क े विकास से अिगत कराते हुए काव्य के सामावजक, मानिीय संतुलन-असंतुलन को दशािते हुए
सकारात्मक पक्षों को बल देना एिं समूवहक नैवतकता को समृद्ध करना।
3. व्यंग्य के अंतगित प्रयुक्त विविन्द्न व्यंग्य दृवष्टयों उजागर कराते हुए उसकी वशल्पगत बनािट के साथ आमजीिन क े
क्षेत्र में व्यंग्य की उपादेयता को दशािते हुए उसके विविन्द्न सरोकारों से अिगत कराना ।

प रिणाम - Outcomes:
1. विद्यावथियों में मानिीय संिेदनाओं के विकास के साथ निीन सामावजक, संस्कृवतक और राजनी वतक मूल्यों का
गुणात्मक विकास होगा।
2. विद्यावथियों में राष्ट्र -वनमािण हेतु नये सामावजक , राजनीवतक , संस्कृवतक वििारों का प्रसार होगा और दावयत्ि-बोध
वनििहन का विकास होगा।
3. विद्यावथियों में न ये िैविक मूल्यों के प्रवत सजगता को बढ़ािा वमलेगा एिं मूल्यिादी दृवष्ट क े प्रवत दावयत्ि -बोध
उत्पन्द्न होगा।
4. विद्यावथियों में सावहत्य -रसास्िादन क े साथ कलात्मक अविरुवि का वनमािण होगा , रिनात्मक -कौशल को बढ़ािा
वमलेगा।

अ ध् याप न प्र णाहल यााँ - Teaching Method :
1. व्याख्यान , विश्लेषण तथा व्याख्यात्मक पद्धवत का प्रयोग।
2. दृश्य/ श्रव्य माध्यमों और संगणक का प्रयोग।
3. उदाहरण द्वारा पुवष्ट एिं लेखकों , अवतवथ यों क े व्याख्या न।
4. स्िाध्याय/ पररयोजना ।

Page 11


9
S. Y. B. A. PAPER II , SEMESTER –IV (C.B.C.S)
ह न र् ा ा र ि ि प ा ठ ् य प स् ि क ें :
1. व् य ुंग् य- ि ीथी संपादन : वहंदी अध्ययन मंडल, मुंबई वििविद्यालय , मुंबई
राधाकृष्ट्ण प्रकाशन, जी-17 जगतपुरी, वदल्ली -110 051

प ा ठ ् य क्र म क े ह ल ए ह न र् ा ा र ि ि व् य ुंग् य ह न ब ुंर्-
1. िसीयत : िगिती िरण िमाि
2. सुदामा के िािल : हररशंकर कर परसाई
3. एक लाख : शंकर पुणतांबेकर
4. बापू की विरासत : नामिर वसंह
5. बंसी िाले का पुजारी : शरद जोशी
6. िाह रे ! हमददि : घनश्याम अग्रिाल
7. प्रिु जी, तुम डॉलर हम पानी : सूयिबाला
8. छूकर िरण िाग्य बनाते हैं : स्नेहलता पाठक
9. कन्द्या रत्न का ददि : प्रेम ज नमेजय
10. िावशंग मशीन में बाल सरस्िती : बी. एल. आच्छा
11. गाँि के स्कूल में कभप्यूटर : ज्ञान ितुिेदी
12. ऐनक क े बहाने : ब्रजेश कानूनगो

2. श क ुं ह ि क ा ( उ प न् य ा स ) : लेखक - िगिानदास मोरिाल
प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन , 1-बी. नेताजी सुिाष मागि, नई वदल्ली ।


इ क ाई - हि ि ाज न - SEMESTER -IV, PAPER II , COURSE CODE - UAHIN 401
इकाई-1-व्याख्यान -08- ि स ीय ि से ब ा प ू क ी ह ि ि ा स ि वनबंध तक (पाठ िािन एिं व्याख्या)
इकाई-2-व्याख्या न-08- ब ुं स ी ि ा ल े क ा प ज ा ि ी से छ ू क ि च ि ण ि ा ग् य ब न ा ि े ि ैं वनबंध तक (पाठ िािन एिं व्याख्या)
इकाई-3-व्याख्यान -08- क न् या ि त् न क ा द द ा से ऐन क क े ब ि ान े व्यंग्य वनबंध तक (पाठ िािन एिं व्याख्या)
इकाई-4-व्याख्यान -08- उपन् यास (पाठ िािन एिं व्याख्या)
इकाई-5-व्याख्यान -08- उपन् यास (पाठ िािन एिं व्याख्या)
व्याख्यान -05-पाठालोिन और प्रश्न ििाि
क्र े हडट - 03

Page 12


10
निद्यानथियों हेतु प्रश्न पत्र का प्रारूप
प्र श्न प त्र II, स ेम े स् ट ि IV ( च ि थ ा स त्र )
प ूण ा ां क- 100 स मय - 0 3 : 0 0 घ ुंट े
प्रश्न-1 संदिि सवहत व्याख्या ( दोनों पुस्तकों में से विकल्प स वहत) अंक-20
प्रश्न-2 दीघोिरी प्रश्न ( दोनों पुस्तकों में से विकल्प सवहत) अंक-40
प्रश्न-3 सामान्द्य प्रश्न ( दोनों पुस्तकों में से वकसी एक का उिर अपेवक्षत) अंक-20
प्रश्न-4 वटप्पवण याँ (दोनों पुस्तकों से विकल्प सवहत) अंक-10
प्रश्न-5 अवतलघूिरी िस्तुवनष्ठ (दोनों पुस्तकों में से) अंक-10
योग = 100

स ुंद ि ा ग्र ुंथ- स ू च ी
1. स्िातंत्र्योिर वहन्द्दी व्यंग्य वनबंध – डॉ. शवश वमश्र
2. आधुवनक वहन्द्दी सावहत्य में व्यंग्य – िीरेंर मेहंदीरिा
3. हररशंकर परसाई के व्यंग्य सावहत्य में वमथकीय संरिना का अनुशीलन – डॉ. शरद सुनेरी
4. परसाई क े सावहत्य में समकालीन यथाथि – डॉ. संध्या कुमारी वसंह
5.शंकर पुणतांबेकर का व्यंग्य सावहत्य -डॉ. मीना सुनील सुतिणी
6. वहन्द्दी उपन्द्यास का विकास – मधुरेश
7. वहन्द्दी उपन्द्यास का इवतहास – गोपाल राय
8. उपन्द्यास का लोकधमि - सं. डॉ. नैया
9. कथा का सौन्द्दयि शास्त्र - प्रिाकर क्षोवत्रय
10. उपन्द्यासकार िगिानदास मोरिाल - सं. डॉ. मधु खराटे
11.लोकमन का वसरजनहार : िगिानदास मोरिाल - सं. डॉ. लोकेश कुमार गुप्ता










Page 13


11
PAPER III , SEMESTER – III
NAME OF PROGRAM : B. A. (C.B.C.S)
NAME OF THE COURSE : S. Y. B. A.
COURSE CODE : UAHIN302
TOTAL LECTURES : 45
CREDITS : 03

अ ह ि प्र ा य ए ि ुं उ द्द ेश् य- Aims and Objectives:
1. विद्यावथियों को प्रयोजनमूलक िाषा की जानकारी देते हुए कायािलयीन तथा अन्द्य व्यिहार क्षेत्रों में वहंदी
िाषा के व्यिहार एिं प्रयोग क े वलए प्रवशवक्षत करते हुए लेखन कौशल का विकास करना।
2. विद्यावथियों को प्रयोजनमूलक वहंदी तथा अंग्रेजी की पाररिावषक शब्दािली से पररवि य करिाना ।
3. विद्यावथियों को व्यािसावयक/ कायािलयीन पत्रािार से अिगत करिाना ।
4. विद्यावथियों को अंग्रेजी/ मराठी िाषा से वहंदी िाषा में अनुिाद कौशल का विकास करना।
5. विद्यावथियों को जनसंिार माध्यमों में प्रयुक्त वहंदी िाषा की जानकारी से अिगत कराना ।
6. विद्यावथियों को जनसंिार माध्यमों क े विकास से पररवि य करिाना ।

प रिणाम - Outcomes:
1. विद्यावथियों को व्यािहाररक वहन्द्दी िाषा-दक्षता की प्रिीणता की प्रावप्त होगी।
2. विद्यावथियों का व्यािसावयक रूप से आत्मवनििरता क े योग्य बनाना ।
3. विद्यावथियों जनसंिार माध्यमों में रोज़गार क े अिसर , क्षेत्रों से अिगत होंगे।

अ ध् याप न प्र णाहल यााँ - Teaching Method :
1. व्याख्यान तथा विश्लेषण ।
2. दृश्य/ श्रव्य माध्यमों और संगणक का प्रयोग।
3. राजिाषा अवधकाररयों/ जनसंिार माध्यमों से संलग्न व्यवक्तयों के अवतवथ व्याख्यान।
4. स्िाध्याय / पररयोजना ।

Page 14


12 S. Y. B. A. PAPER - III, SEMESTER –III
इ क ाई 1. प्र य ो ज न म ूल क ह ि ुं द ी :
• प्रयोजनमूलक वहंदी : अथि और पररिाषा
• सामान्द्य वहंदी, सावहवत्यक वहंदी
• प्रयोजनमूलक वहंदी : स्िरूप एिं विशेषताएँ
• प्रयोजनमूलक वहदी : व्यिहार क्षेत्र
इ क ाई 2 . क ा य ा ा ल य ी न ए ि ुं व् य ा ि स ा ह य क प त्र - ल े खन :
• कायािलयीन पत्र : कायािलय आदेश , कायािलय ज्ञापन , पररपत्र , अनुस्मारक
• व्यािसावयक पत्र : आिेदन (ररक्त पद/अिकाश), पूछताछ, क्रयादेश
• वशकायती पत्र (साििजवनक)
इ क ाई 3 . अ न ि ा द :
• अनुिाद : अथि, पररिाषा
• अनुिाद के िेद:
(i) शब्दानुिाद (ii) िािानुिाद
(iii) अथािनुिाद (iv) सारानुिाद
(v) सजिनात्मक अनुिाद (काव्यानुिाद/कथानुिाद)
• अनुिाद : महत्ि एिं उपयोवगता
इ क ाई 4 . प त्र क ारिि ा :
• पत्रकाररता : पररिाषा , स्िरूप और महत्त्ि
• वहंदी पत्रकाररता : विकासक्रम
• पत्रकारर ता क े विविध रूप (खेल पत्रकाररता , इलेक्रॉवनक माध्यमों की पत्रकाररता ,
सावहवत्यक - संस्कृवतक पत्रकाररता )
इ क ाई 5 . व् य ा ि ि ा र ि क अ न ि ा द : प ारिि ाह ि क श ब्द ा ि ल ी
• अंग्रेजी / मराठी से वहंदी में अनुिाद
• पाररिावषक शब्दािली : अथि, पररिाषा और महत्त्ि
• वनधािररत पाररिावषक शब्दों क े 50 वहन्द्दी प्रवतशब्द
1. Accounting Year : लेखा िषि
2. Approval : अनुमोदन
3. Arrears : बकाया रावश
4. Basic Pay : मूलिेतन
5. Brought Forward : आगे लाया गया
6. Concerned : संबंवधत
7. Confi dential : गोपनीय

Page 15


13 8. Consumer : उपिोक्ता
9. Deduction : कटौती
10. Deficit : घाटा
11. Delete : हटा दीवजए
12. Enclosure : संलग्नक
13. Excise Duty : उत्पाद शुल्क
14. Favourable : अनुकूल
15. Forth Coming : आगमी
16. Forged Signature : जाली हस्ताक्षर
17. Gazette : राजपत्र
18. Grant : अनुदान
19. Guideline : वदशावनदेश
20. Honorary : अिैतवनक
21. Incentive : प्रोत्साहन
22. In charge : प्रिारी
23. Increment : िेतनिृवद्ध
24. Joint Committee : संयुक्त सवमवत
25. Key Post : मुख्य पद
26. Ledger : बहीखाता
27. Leave : छुट्टी
28. Maturity : पररपक्िता
29. Minutes : कायििृि
30. Norm : मानक/मानदण्ड
31. Notice : सूिना
32. Outline : रूपरेखा
33. Renewal : निीकरण
34. Please Verify : कृपया सत्यापन/जाँि करें
35. Proposal : प्रस्ताि
36. Password : पारण शब्द
37. Section : अनुिाग
38. Show Cause Notice : कारण बता ओ सूिना
39. Specimen Signature : नमूना हस्ताक्षर
40. Standard : मानक
41. Tentative List : अस्थायी सूिी
42. Testimonial : प्रशंसा-पत्र
43. Transfer : स्थानांतरण
44. Unauthorized : अनवधकृत

Page 16


14 45. Vacancy : ररक्त पद
46. Value Decla red : घोवषत मूल्य
47. Violation : उल्लंघन
48. Waiting list : प्रतीक्षा सूिी
49. With Reference तो : के संदिि में
50. Zonal Office : आंिवलक कायािलय
इ क ाई - हि ि ाज न - SEMESTER -IV, PAPER II I, COURSE CODE - UAHIN 302
इकाई-1-व्याख्यान 8–प्रयोजनमूलक वहंदी
इकाई-2-व्याख्यान 8–कायािलयीन एिं व्यािसावयक पत्र-लेखन
इकाई-3–व्याख्यान 8–अनुिाद
इकाई-4-व्याख्यान 8–पत्रकाररता
इकाई-5-व्याख्यान 8–व्यािहारर क अनुिाद एिं पाररिावषक शब्दािली
व्याख्यान -05-पाठालोिन और प्रश्न ििाि
क्र े हडट - 03
निद्यानथियों हेतु प्रश्न पत्र का प्रारूप
प्र श्न प त्र - II, स ेम े स् ट ि - III ( ि ृि ी य स त्र)
प ूण ा ां क- 80 स मय - 3 घ ुंट े
पूछे गए 1 से 6 प्रश्नों में से 4 प्रश्नों क े उिर अपेवक्षत हैं । 20x4 = 80
प्रश्न 7 िां अवनिायि होगा।
अ. अनुिाद (अंग्रेजी/मराठी से वहंदी) अंक 10
आ. वहंदी पाररिावषक शब्द (10 शब्द) अंक 10
योग = 100
स न् द ि ा ग्र न् थ - स ूच ी
1. प्रयोजनमूलक वहंदी – डॉ. विनोद गोदरे
2. प्रयोजनमूलक वहंदी – डॉ. नरेश वमश्र
3. प्रयोजनमूलक वहंदी – डॉ. रिींरनाथ श्रीिास्ति
4. अनुिाद वसद्धांत - िोलानाथ वतिारी
5. अनुिाद का समकाल – डॉ. मोहवसन ख़ान
6. कायािलय दीवपका - हरीबाबू कंसल
7. अविनि व्यािहाररक पत्र लेखन - डॉ.अवनल वसंह
8. आधुवनक पत्रकाररता - डॉ. अजुिन वतिारी
9. ऑनलाइन पत्रकाररता - हषिदेि
10. बदलती पत्रकाररता वगरते मूल्य - डॉ.वनशांत वसंह
11. वहंदी पत्रकाररता उद्भि और विकास – डॉ. रिना िोला ‘यावमनी’
12. इलेक्रॉ वनक पत्रकाररता - अजय कुमार वसंह

Page 17


15 PAPER III , SEMESTER – III
NAME OF PROGRAM : B. A. (C.B.C.S)
NAME OF THE COURSE : S. Y. B. A.
COURSE CODE : UAHIN402
TOTAL LECTURES : 45
CREDITS : 03

अ ह ि प्र ा य ए ि ुं उ द्द ेश् य- Aims and Objectives:
1. विद्यावथियों को जनसंिार-िाषा की जानकारी देते हुए व्यिहार क्षेत्रों में वहंदी िाषा क े व्यिहार एिं प्रयोग के वलए
प्रवशवक्षत करना ।
2. विद्यावथियों को परंपरागत जनसंिार माध्यमों से पररवि य कराते हुए नव्य-संिार माध्यमों में प्रयुक्त तकनीक के
आंतररक और बाह्य पक्षों का सामावजक सरोकारों को दशिना।
3. विद्यावथियों को समािार लेखन , संपादकीय लेखन, साक्षात्कार , फ़ीिर लेखन लेखन से अिगत करिाना ।
4. विद्यावथियों को सोशल मीवडया , कंप्यूटर, टेलीविज़न इत्यावद क े िाषाई प्रयोगों का पररिय देना।

प रिणाम - Outcomes:
1. विद्यावथियों को तकनीकी और व्यािहाररक िाषा दक्षता की प्रिीणता प्रावप्त होगी ।
2. व्यािसावयक रूप से आत्मवनििरता की संिािना बढ़ेगी।
3. जनसंिार माध्यमों में रोज़गार क े क्षेत्रों से पररिय होगा।

अ ध् याप न प्र णाहल यााँ - Teaching Method :
1. व्याख्यान तथा विश्लेषण ।
2. दृश्य/ श्रव्य मा ध्यमों और संगणक का प्रयोग।
3. राजिाषा अवधकाररयों/ जनसंिार माध्यमों से संलग्न व्यवक्तयों के अवतवथ व्याख्यान।
4. स्िाध्याय / पररयोजना ।
5. शैक्षवणक भ्रमण।

Page 18


16 S. Y. B. A. PAPER III , SEMESTER – IV
इ क ाई 1. ज न स ुंच ा ि :
• अथि, पररिाषा एिं स्िरूप
• जनसंिार क े तत्त्ि
इ क ाई 2. ज न स ुंच ा ि म ा ध् य म :
• परंपरागत संिार माध्यमों का सामान्द्य पररिय एिं िेद
(तमाशा, लािणी, कठपुतली, नोटंकी, कीतिन , लोक-संगीत)
• आधुवनक जनसंिार माध्यमों का सामान्द्य पररिय एिं िेद
(मुवरत एिं इलेक्रॉवनक)
इ क ाई 3. ज न स ुंच ा ि म ा ध् य म ों क ा ह ि क ा स ए ि ुं उपयोहग ि ा :
(i) समािार पत्र (ii) रेवडयो (iii) वसनेमा
(iv) टेलीविज़न (v) कंप्यूटर (vi) मोबाइल
(vii) सोशल मीवडया
इ क ाई 4. ज न स ुंच ा ि म ा ध् य म ो प य ो ग ी ल े ख न : स ामान् य प र िचय
(i) समािार लेखन (ii) साक्षात्कार
(iii) फ़ीिर लेखन (iv) संपादकीय
(v) संिाद लेखन (vi) पुस्तक एिं वफ़ल्म समीक्षा
(vii) विज्ञापन लेखन
इ क ाई 5. मा ध् यमोप योग ी ल े खन :
(i) समािार लेखन (ii) फ़ीिर लेखन (iii) संिाद लेखन
(iv) वफ़ल्म समीक्षा (v) विज्ञापन लेखन
• पाठ्यक्रम के नलए ननधािरित िस्तुननष्ठ 50 प्रश्न
1. संिार अंग्रेजी के वकस शब्द का पयािय है?
2. अथि की दृवष्ट से संिार से सभबद्ध कौन सा शब्द है ?
3. स्त्रोत और श्रोता क े बीि कौन सी प्रवक्रया होती है?
4. वकन्द्हीं दो संिार माध्यमों क े ना म वलवखए ?
5. िारतीय पत्रकाररता का जनक वकसे माना जाता है?
6. िारत में रंगीन दूरदशिन का सूत्रपात कब हुआ?
7. वनरक्षर लोगों क े बीि सन्द्देश प्रसाररत करने क े वलए कौन सा माध्यम उपयुक्त है?
8. रेवडयो प्रसारण क े क्षेत्र में विवि ध िारती का आरभि कब हुआ?
9. िारत की पहली बोलती वफल्म कौन सी है?
10. वहंदी का पहला समािार पत्र कौन सा था?
11. िारतेंदु द्वारा प्रकावशत वकसी एक पवत्रका का नाम वलवखए ?
12. क े सरी पत्र का सभबन्द्ध वकस िाषा से रहा?
13. सरस्िती पवत्रका का पहला अंक कब प्रकावशत हुआ था?
14. अंग्रेजी में अनुिाद के वलए वकस शब्द का प्रयोग होता है।

Page 19


17 15. रेवडयो जनसंिार का वकस प्रकार का माध्यम है?
16. वदनांक ८ जून, १९३६ को इंवडयन स्टेट ब्रॉडकावस्टंग का नाम बदलकर क्या रख वदया गया?
17. िारत में पहला टेलीविज़न क ें र कहाँ स्थावपत हुआ?
18. दादा साहब फाल्क े को िारतीय वसनेमा वकस नाम से याद करता है?
19. सन १९५७ में ‘ऑल इंवडया रेवडयो’ का नाम बदलकर क्या रखा गया?
20. ‘हिा महल’ कायिक्रम का संबंध वकस संिार माध्यम से है?
21. मुंबई में दूरदशिन का केंर वकस िषि शुरू हुआ?
22. प्रसार िारती का सभबन्द्ध वकन संिार माध्यमों से है?
23. दूरदशिन पर िविित ‘हम लोग’ धारािावहक क े लेखक कौन थे?
24. ‘सोप ओपेरा’ शब्द वकस के वलए प्रयुक्त होता है?
25. सोनी टी.िी. का सभबन्द्ध वकस देश से है?
26. वडस्किरी िैनल वकस प्रकार का िैनल है?
27. ‘दैवनक िास्कर’ में काटूिन कॉलम वकस नाम से प्रकावशत होताहै?
28. ‘कंप्यूटर’ की उत्पवि वकस शब्द से हुई है?
29. कंप्यूटर की मुख्य या प्राथवमक मेमोरी वकसे कहा जाता है?
30. कंप्यूटर से सभबद्ध शब्द ‘अंडू’ का क्या तात्पयि है?
31. टी.िी. िैनलों पर कमवशियल ब्रेक से क्या तात्पयि है?
32. आधुवनक जनसंपकि का जनक वकसे मन जाता है?
33. कठपुतली वकस प्रकार का माध्यम है?
34. राष्ट्रीय वफल्म विकास वनगम की स्थापना कब हुई?
35. इंवडयन जनिवलस्ट एसोवसएशन की स्थापना वकस िषि हुई?
36. वकस देश में सब से पहले खोजी पत्रकाररता को मान्द्यता वमली?
37. खोजी पत्रकाररता की कोई एक विशेषता वलवखए ?
38. देविका रानी को सििप्रथम कौन सा पुरस्कार प्रदान वकया गया?
39. आज़ादी से पूिि पत्रकाररता का स्िरूप व्यािसावयक न होकर क ै सा था?
40. समािार प त्र की आय बढ़ाने में वकस वििा ग की िूवमका सिािवधक महत्त्िपूणि होती है?
41. आज़ादी क े बाद वकस िषि कॉपीराईट एक्ट बना?
42. सन १९७५ में वकस अवधवनयम के अंतगित सेंसरवशप लागू की गई?
43. उिर प्रदेश से प्रकावशत पहला वहंदी समािार पत्र कौन सा है?
44. ‘कवि ििन सुधा’ पवत्रका का प्रकाशक कौन था?
45. दो प्रिा िशाली सोशल मीवडया क े नाम वलवखए ?
46. ट्विटर की स्थापना कब हुई?
47. फेसबुक की स्थापना वकसने की?
48. इन्द्सटाग्राम का एक उ पयोग वलवखए ?
49. स्नेपिेट की शरुिात वकस ने की?
50. सोशल मीवडया में टभबलर का प्रयोग वकस वलए वकया जाता है?

Page 20


18 इ क ाई - हि ि ा जन- SEMESTER -IV, PAPER II I, COURSE CODE - UAHIN 402
इकाई-1–व्याख्यान 8–जनसंिार-अथि पररिाषा स्िरूप एिं तत्त्ि
इकाई-2–व्याख्यान 8-परभपरागत एिं आधुवनक जनसंिार माध्यम
इकाई-3– व्याख्यान 8-जनसंिार-विकास एिं उपयोवगता
इकाई-4–व्याख्यान 8-माध्यमोपयोगी लेखन -सामान्द्य पररिय
इकाई-5–व्याख्यान 8-विविध माध्यमोपयोगी लेखन का अभ्यास
व्याख्यान -05-पाठालोिन और प्रश्न ििाि
क्र े हडट - 03

निद्यानथियों हेतु प्रश्न पत्र का प्रारूप
प्र श्न प त्र II, स ेम े स् ट ि IV ( च ि थ ा स त्र )
प ूण ा ां क- 100 स मय - 03:00 घ ुंट े
पूछे गए 1 से 6 प्रश्नों में से 4 प्रश्नों क े उिर अपेवक्षत हैं । 20x4 = 80
प्रश्न 7 िां अवनिायि होगा।
अ-पूछे गए 4 (िार) में से 2 (दो) माध्य मोपयोगी लेखन अंक-10
आ-अवतल घूिरी / िस्तुवनष्ठ प्रश्न अंक-10
योग = 100

स न् द ि ा ग्र न् थ - स ूच ी
1. जनसंिार एिं समाज - डॉ. मोवनका नागोरी
2. आधुवनक जनसंिार माध्यम और वहंदी - डॉ. हररमोहन
3. िारतीय मीवडया – डॉ. वस्मता वमश्र
4. मीवडया की बदलती िाषा - डॉ.अजयकुमार वसंह
5. मीवडया और वहंदी – बदलती प्रिृवियां-सं.रविन्द्र जाधि/ क े शि मोरे
6. संिार माध्यम लेखन - गौरी शंकर रैना
7. समािार, फीिर लेखन एिं संपादन कला - डॉ.हररमोहन
8. जनसंिार विविध आयाम - डॉ.बृजमोहन गुप्त
9. मीवडया लेखन , वसद्धान्द्त और व्यहार – डॉ. िंरप्रकाश वमश्र
10. संिार से जनसंिार और जनसभपक ि तक - बलिीर कुन्द्दरा
11. इलेक्रॉवनक मीवडया के वसद्धांत - रूपिन्द्द गौतम
12. संिार वसद्धांत की रूपरेखा – डॉ. प्रेमिंद पांतजवल
13. जनसंिार माध्यम – िुनौवतयाँ और दावयत्ि – डॉ. वत्रिुिन राय
**********