MPhil Hindi Syllabus_1 Syllabus Mumbai University


MPhil Hindi Syllabus_1 Syllabus Mumbai University by munotes

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1. The Director of Board of Student Development.,
2. The Deputy Registrar (Eligibility and Migration Section)
3. The Director of Students Welfare,
4. The Executive Secretary to the to the Vice -Chancellor,
5. The Pro -Vice-Chancellor
6. The Registrar and
7 The Assistant Registrar, Administrative sub -centers, Ratnagiri,
Thane & Kalyan, for information.

1. The Director of Board of Examinations and Evaluation
2. The Finance and Accounts Officers
3. Record Sectio n
4. Publications Section
5. The Deputy Registrar, Enrolment, Eligibility and Migration Section
6. The Deputy Registrar (Accounts Section), Vidyanagari
7. The Deputy Registrar, Affiliation Section
8. The Professor -cum- Director, Institute of Distance and Open Learning
Education,
9. The Director University Computer Center (IDE Building), Vidyanagari,
10. The Deputy Registrar (Special Cell),
11. The Deputy Registrar, (PRO)
12. The Deputy Registrar, Academic Authorities Unit (1 copies) and
13. The Assistant Registrar, Executive Authorities Unit

They are requested to treat this as action taken report on the
concerned resolution adopted by the Academic Council referred to in the
above circular and that on separate Action Taken Report will be sent in this
connection.
1. The Assistant Registrar Constituent Colleges Unit
2. BUCTU
3. The Deputy Accountant, Unit V
4. The In -charge Director, Centralize Computing Facility
5. The Receptionist
6. The Telephone Operator
7. The Secretary MUASA
8. The Superintendent, Post -Graduate Section
9. The Superintendent, Thesis Section

for information.

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UNIVERSITY OF MUMBAI
Revised Syllabus and
Pattern of Question Paper in the
Subject of
Hindi
at the
M.Phil. Examination
Choice Based Credit System (CBCS)
Semester I & II
(With effect from the Academic Y ear: 2020 -2021)


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UNIVERSITY OF MUMBAI
Revised Syllabus in the Subject of Hindi at the
M.Phil . Examination
Choice Based Credit System (CBCS) Semester I & II
(With effect from the Academic Year: 2020 -2021)
हिन्दी अध्ययन मण्डल
अध्यक्ष : डॉ. अननल कुमार स िंि
1. डॉ. करुणाशिंकर उपाध्याय ( दस्य)
2. डॉ. िूबनाथ पाण्डेय ( दस्य)
3. डॉ. विद्या सशिंदे ( दस्य)
4. डॉ. शीला आिूजा ( दस्य)
5. डॉ. चित्रा गोस्िामी ( दस्य)
6. डॉ. िंतोष मोटिानी ( दस्य)
7. डॉ. प्रकाश धुमाल ( दस्य)
8. डॉ. गौतम ोनकािंबले ( दस्य)
9. डॉ. मोिस न ख़ान ( दस्य)

पाठ्यक्रम सममति
1. डॉ. हूबनाथ पाांडेय (समन्वयक)
२.डॉ. करुणाशिंकर उपाध्याय ( दस्य)
३.डॉ. दत्तात्रय मुरुमकर ( दस्य)
४.डॉ. बबनीता िाय ( दस्य)
५.डॉ. चिन गपाट ( दस्य)
६.डॉ. ुनील िलिी ( दस्य)
७.डॉ. शािू मधाले ( दस्य)
८.डॉ. भाग्यश्री िमाा ( दस्य)
९.डॉ. दानिंद भो ले ( दस्य)
मुिंबई विश्िविद्यालय , मुिंबई

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म ुंबई विश्वविद्यालय , म ुंबई
एम. विल व ुंदी
(With effect from the Academic Year: 2020 -2021)
Choice Based Credit System (CBCS)
के अन सार सुंशोवित पाठ्यक्रम
वनदेश
१. यह पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा वनर्ााररत Choice based credit system क े
अनुसार बनाया गया है |
२. इस पाठ्यक्रम क े तहत प्रथम और वद्वतीय प्रश्नपत्र अवनिाया होोंगे तथा तृतीय प्रश्नपत्र समूह में से वकसी
एक का चयन करना होगा |
३. सोंपूर्ा पाठ्यक्रम दो सत्रोों में विभावित वकया गया है | प्रत्येक सत्र में प्रत्येक प्रश्नपत्र क ु ल ४ श्रेयाोंकोों का
होगा| इस तरह ३ प्रश्नपत्र १२ श्रेयाोंकोों क े हुए | दोनोों सत्र वमलाकर २४ श्रेयाोंकोों का पाठ्यक्रम शोर्ाथी को
पूरा करना होगा |
४. प्रत्येक सत्र में प्रत्येक प्रश्नपत्र की ७५ अोंकोों की सोंत्रात वलखित परीक्षा होगी तथा प्रत्येक प्रश्नपत्र का २५
अोंकोों का आोंतररक मूल्ाोंकन इस प्रकार होगा -
क. प्रकल्प – १५ अोंक
ि. कक्षा में सवक्रय सहभाग – ०५ अोंक
ग. प्रस्तुवतकरर् – ०५ अोंक
५. दोनोों ही सत्रोों क े सभी प्रश्नपत्रोों में उत्तीर्ा होने क े पश्चात शोर्ाथी को लगभग १०० पृष्ोों का टोंवकत
लघुशोर्-प्रबोंर् विभाग द्वारा आबोंवटत प्राध्यापक क े मागादशान में पूर्ा करना होगा विसका १०० अोंकोों का
मूल्ाोंकन उस विषय क े विशेषज्ञ बाहय परीक्षक द्वारा कराया िाना अभीष्ट है|
६. लघु-शोर् प्रबोंर् क े मूल्ाोंकन क े पश्चात एक बाहय परीक्षक की उपखथथवत में शोर्ाथी का १०० अोंकोों की
िुली मौखिकी में उत्तीर्ा होना अपेवक्षत है |
७. पाठ्यक्रम को यथासोंभि अद्यतन एिों अकादवमक स्तर पर उत्क ृ ष्ट बनाने का प्रयास वकया गया है |



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प्रश्न पत्र – १
शोध - प्रविवध एिं प्रक्रिया
(प्रथम सत्र ) श्रेयांक ४
उद्देश्य : १. शोध की अिधारणा स्पष्ट करना
२. शोध प्रविवध का पररचय कराना
३. शोध प्रक्रिया की जानकारी देना
४. साथथक और सोद्दे श्य शोध का मार्थ प्रशस्त करना

इकाई - १ शोध : अिधारणात्मक पररचय ( Research) श्रेयांक – ०१
१.१ शोध : अथथ, अिधारणा, स्िरूप एिं तत्त्ि
१.२ शोध क े क्षेत्र
१.३ शोध की प्रक ृ वत
१.४ शोध की विशेषताएँ
१.५ शोध आलेख

इकाई - २ शोध प्रविवध ( Research medhodology) श्रेयांक – ०१
२.१ सिेक्षणात्मक
२.२ तुलनात्मक
२.३ ऐवतहावसक
२.४ व्यािहाररक
२.५ अंतर्िथद्यािती

इकाई - ३ शोध अविकल्प ( Reasarch Design) श्रेयांक – ०१
३.१ अथथ एिं पररिाषा
३.२ स्िरूप एिं विशेषताएँ
३.३ उद्देश्य
३.४ िर्ीकरण :
३.४.१ अन्िेष णात्मक
३.४.२ िणथनात्मक
३.४.३ वनदानात्मक
३.४.४ पररक्षणात्मक

इकाई - ४ पररकल्पना (Hypothesis) श्रेयांक – ०१
४.१ अथथ एिं पररिाषा
४.२ पररकल्पना क े स्रोत
४.३ स्िरूप एिं विशेषताएँ
४.४ पररकल्पना क े प्रकार
४.५ शोध में पररकल्पना का महत्त्ि

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प्रश्न पत्र – १
शोध - प्रविवध एिं प्रक्रिया
वितीय सत्र कु ल श्रेयांक – ०४

इकाई - ५ पाठानुसंधान श्रेयांक – ०१
५.१ अथथ, पररिाषा, स्ि रूप एिं महत्ि
५.२ पाठानुसंधान की विवधयाँ
५.३ पाठानुसंधान : विश्लेषणात्मक अध्ययन
५.४ पाठ चयन
५.५ पाठ सुधार एिं पाठ वनणथय

इकाई - ६ शोधाथी श्रेयांक – ०१
६.१ शोधाथी क े र्ुण
६.२ शोधाथी की सीमाएँ
६.३ शोधाथी का सामर्थयथ
६.४ शोध एिं समीक्षा
६.५ शोध संबंधी समस्याएँ : वनदान तथा समाधान

इकाई - ७ शोध प्रक्रिया श्रेयांक – ०१
७.१ विषय चयन
७.२ शोध समस्या : पररकल्पना
७.३ शोध समस्या का वनदान
७.४ तर्थयों का िर्ीकरण एिं विश्लेषण
७.५ तर्थय संकलन क े स्रोत

इकाई - ८ शोध की रुपरेखा श्रेयांक – ०१
८.१ शोध - रूपरेखा : तत्त्ि एिं महत्त्ि
८.२ शोध - शीषथक एिं उपशीषथक वििाजन
८.३ शोध की िाषा
८.४ शोध प्रबंध लेखन की पद्धवत
८.५ शोध संबंधी िैधावनक प्रािधान




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संदिथ ग्रंथ :
१. शोध -प्रविवध – डॉ. विनय मोहन शमाथ
२. अनुसंधान की प्रक्रिया – सं.डॉ.सावित्री वसन्हा / विजयेंद्र स्नातक
३. अनुसंधान का वििेचन – डॉ. उदयिानु ससंह
४. अनुसंधान – डॉ. सत्येंद्र
५. सावहत्य, वसद्धांत और शोध – डॉ. आनंदप्रकाश दीवक्षत
६. निीन शोध विज्ञान – डॉ. वतलक
७. सावहवत्यक शोध क े वसद्धांत एिं समस्याएँ – डॉ. देिराज उपाध्याय / डॉ. रामर्ोपाल शमाथ
८. अनुसंधान का स्िरूप – सं.डॉ.सावित्री वसन्हा
९. शोध -प्रविवध और प्रक्रिया – राित तथा खंडेलिाल
१०. अनुसंधान क े मूल तत्त्ि – सं. विश्वनाथ प्रसाद
११. शोध -प्रक्रिया एिं वििरवणका – डॉ. सरनाम ससंह शमाथ ‘अरु ण’
१२. शोध, तत्त्ि और दृवष्ट – डॉ. खंडेलिाल
१३. अनुसंधान और आलोचना – डॉ. नर्ेंद्र
१४. पाठानुसंधान – डॉ. विमलेक्षा कांवत
१५. पाठानुसंधान – डॉ. कन्हैया ससंह
१६. सावहत्येवतहास : संरचना और स्िरूप – डॉ. सुमन राजे
१७. शैली विज्ञान और आलोचना की नई िूवमका – डॉ. रिींद्र श्रीिास्ति
१८. अनुसंधान की प्रविवध और प्रक्रिया – डॉ. राजेंद्र वमश्र
१९. अनुसंधान प्रविवध – डॉ. र्णेशन
२०. सहंदी अनुसंधान – डॉ. विजयपाल ससंह
२१. पांडुवलवप विज्ञान – डॉ. सत्येंद्र
२२. पाठानुसंधान – डॉ. वसयाराम वतिारी
२३. शैली विज्ञान – डॉ. नर्ेंद्र
२४. रीवत विज्ञान – डॉ. विद्यावनिास वमश्र
२५. शैली विज्ञान – डॉ. सुरेशक ु मार
२६. शैली और शैली विश्लेषण – डॉ. पांडेय शवशिूषण ‘शीतांशु’
२७. सहंदी िाषा : संदिथ और संरचना – प्रो.सूरजिान ससंह
२८. क ं प्यूटर और सहंदी – डॉ. हररमोहन

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प्रश्न पत्र : दो
सहंदी सावहत्य की िैचाररक पृष्ठिूवम
(प्रथम सत्र ) श्रेयांक – ०४
उद्देश्य : १. सावहत्य और विचारधारा क े अंत:संबंधों की स्थापना
२. सहंदी सावहत्य की िैचाररक विरासत की समीक्षा
३. िारतीय सचंतन प्रिाह से पररचय कराना
४. सचंतन की पृष्ठिूवम में सावहत्य की साथथक समझ विकवसत करना
इकाई – १ विचार और सावहत्य श्रेयांक – ०१
१.१ विचार : अथथ, स्िरूप एिं महत्त्ि
१.२ विचार और कथा सावहत्य
१.३ विचार और काव्य
१.४ विचार और नाट्यलेखन
१.५ विचार और कथेतर र्द्य
इकाई – २ मध्यकालीन सचंतन पद्धवतयाँ श्रेयांक – ०१
२.१ मध्यकालीन पररिेश एिं प्रिृवियाँ
२.२ वसद्ध एिं नाथ पंथ
२.३ संत मत
२.४ सूफी मत
२.५ िैष्णि मत
इकाई – ३ निजार्रणकालीन सचंतन श्रेयांक – ०१
३.१ निजार्रण : अथथ, स्िरूप, विशेषताएँ
३.२ िारतीय निजार्रण : उद्भि और विकास
३.३ निजार्रण क े मूल वसद्धांत
३.४ निजार्रण सचंतन –
३.४.१ ब्राह्मो समाज
३.४.२ प्राथथना समाज
३.४.३ आयथ समाज
३.४.४ सत्यशोधक समाज
३.४.५ रामक ृ ष्ण वमशन
३.४.६ वथयोसॉक्रफकल सोसायटी
इकाई – ४ आधुवनकता बोध श्रेयांक – ०१
४.१ आधुवनकता : अिधारणा, स्िरूप, तत्त्ि एिं महत्त्ि
४.२ आधुवनकता : उदिि और विकास
४.३ आधुवनकता बनाम पविमीकरण
४.४ आधुवनकता और शहरीकरण
४.५ आधुवनकता और मूल्यबोध

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प्रश्न पत्र : दो
सहंदी सावहत्य की िैचाररक पृष्ठिूवम
(वितीय सत्र) श्रेयांक – ०४

इकाई – ५ स्िाधीनता आंदोलन श्रेयांक – ०१
५.१ १८५७ की िांवत
५.२ िारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
५.३ िारतीय िांवतकारी आंदोलन
५.४ विलाफ़त एिं असहयोर् आंदोलन
५.५ क्रकसान एिं मज़ दूर आंदोलन


इकाई – ६ आधुवनक सचंतन धाराएँ श्रेयांक – ०१
६.१ र्ांधीिाद
६.२ आंबेडकरिाद
६.३ मार्कसथिाद
६.४ अवस्तत्ि िाद
६.५ मनोविश्ले षणिाद

इकाई – ७ आधुवनक सहंदी सावहत्य का बोध पक्ष श्रेयांक – ०१
७.१ ग्राम बोध
७.२ नर्र बोध
७.३ विश्व बोध
७.४ सलंर् बोध ( Gender)
७.५ िणथ बोध (Ca)

इकाई – ८ समकालीन विमशथ श्रेयांक – ०१
८.१ स्त्री विमशथ
८.२ दवलत एिं आक्रदिासी विमशथ
८.३ अल्पसंख्यक विमशथ
८.४ क्रकन्नर विमशथ
८.५ पयाथ िरण विमशथ


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संदिथ :
१. समकालीन विचारधाराएँ और सावहत्य – डॉ. राजेंद्र वमश्र
२. महात्मा र्ांधी : जीिन और दशथन – रामलाल वििेक
३. र्ांधी : विचार और दृवष्ट – हरदान हषथ
४. मध्ययुर्ीन सहंदी काव्य में िैष्णि संस्क ृ वत और समाज - नार्ेंद्र ससंह
५. आधुवनक िािबोध – डॉ. पी.िी. क ृ ष्णनायर
६. िारतीय निजार्रण : प्रणेता तथा आंदोलन – र्ौरीशंकर िट्ट
७. संस्क ृ वत क े चार अध्याय – रामधारी ससंह ‘क्रदनकर’
८. मार्कसथिाद – यशपाल
९. मार्कसथिादी सवहत्य सचंतन – डॉ. वशिक ु मार वमश्र
१०. मार्कसथिाद र्कया है? – एवमल बन्सथ (सहंदी -अनुिाद – ओमप्रकाश सेंर्र)
११. आधुवनक िािबोध की संज्ञा – अमृतराय
१२. आधुवनकता और सहंदी सावहत्य – इंद्रनाथ मदान
१३. आधुवनकता और आधुवनक बोध – देिेंद्र इस्सर
१४. आधुवनक सहंदी कविता का िैचाररक पक्ष – डॉ. रतनक ु मार पांडेय
१५. विचार और अनुिूवत – डॉ. नर्ेंद्र
१६. फ्रायड : मनोविज्ञान – देिेंद्र क ु मार (अनुिाद)
१७. आधुवनक िारतीय सचंतन – विश्वनाथ नरिणे
१८. आधुवनक सामावजक आंदोलन और आधुवनक सहंदी सावहत्य – क ृ ष्णवबहारी वमश्र
१९. िारतीय िांवतकारी आंदोलन का इवतहास – मन्मथनाथ र्ुप्त
२०. परंपरा का मूल्यांकन – डॉ. रामविलास शमाथ
२१. िारतीय दवलत सावहत्य : पररप्रेक्ष्य – सं. पुन्नी ससंह
२२. स्त्री और स्त्री विम शथ – क्षमा शमाथ
२३. उिर आधुवनक विमशथ – डॉ. सुधीश पचौरी
२४. मध्यकालीन काव्य : सचंतन और संिेदना - डॉ. करुणाशंकर उपाध्याय
२५. क ृ वत -विक ृ वत, संस्क ृ वत – डॉ. सत्यप्रकाश वमश्र
२६. सहंदी सावहत्य : संिेदनाओं की वििेचना – डॉ. सवचन र्पाट
२७ . सहंदी सावहत्य िर्णथत सांप्रदावयकता का स्िरूप – डॉ. दिात्रय मुरुमकर


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प्रश्न पत्र : तीन (३.१)
सावहत्य तथा सावहत्येतर विद्या शाखाओं का अंत:संबंध
प्रथम सत्र श्रेयांक – ०४

उद्देश्य : १. सावहत्य की व्यावप्त का पररचय कराना
२. अन्य विद्याशाखाओं क े बरर्कस सावहत्य का मूल्यांकन
३. विद्याशाखाओं क े एकत्ि एिं िैविध्य का वििेचन


इकाई १ सावहत्य का अिधारणात्मक पररचय श्रेयांक – ०२
१.१ सावहत्य : अथथ, पररिाषा, स्िरूप
१.२ सावहत्य क े तत्त्ि
१.३ सावहत्य का व्याकरण
१.४ सावहत्य का उद्देश्य
१.५ सावहत्य क े प्रयोजन


इकाई २ सावहत्य और समाज विज्ञान श्रेयांक – ०२
२.१ सावहत्य और इवतहास
२.२ सावहत्य और समाजशास्त्र
२.३ सावहत्य और अथथशास्त्र
२.४ सावहत्य और मनोविज्ञान
२.५ सावहत्य और दशथनशास्त्र










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प्रश्न पत्र : तीन (३.१)
सावहत्य तथा सावहत्येतर विद्याशाखाओं का अंत:संबंध
(वितीय सत्र) श्रेयांक – ०४



इकाई ३ सावहत्य और िाषा विज्ञान श्रेयांक – ०२
३.१ सावहत्य और िाषा
३.२ सावहत्य और शैली विज्ञान
३.३ सावहत्य और व्याकरण शास्त्र
३.४ सावहत्य की िावषक प्रयुवियाँ
३.५ सावहत्य और वमथक


इकाई ४ सावहत्य और अन्य विद्याशाखाएँ श्रेयांक – ०२
४.१ सावहत्य और विज्ञान
४.२ सावहत्य और वसनेमा
४.३ सावहत्य और सौंदयथशास्त्र
४.४ सावहत्य और सूचना प्रौद्योवर्की
४.५ सावहत्य और धमथ











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संदिथ ग्रंथ :
१. मनोिैज्ञावनक एिं वमथकीय समीक्षा – डॉ. पांडेय शवशिूषण ‘शीतांशु ’
२. आस्था और सौंदयथ – डॉ. रामविलास शमाथ
३. िाषा और समाज – डॉ. रामविलास शमाथ
४. सावहत्य और इवतहास दृवष्ट – डॉ. मैनेजर पांडेय
५. मानि मूल्य और सावहत्य – डॉ. धमथिीर िारती
६. नये सावहत्य का सौंदयथशास्त्र – र्जानन माधि मुविबोध
७. िाषा और संिेदना – डॉ. रामस्िरूप चतुिेदी
८. आधुवनक कथा सावहत्य और मनोविज्ञान – डॉ. देिराज उपाध्याय
९. स्ितंत्र कलाशास्त्र िार् १ -२ – डॉ. कांवतचंद्र पांडेय
१०. मार्कसथिादी सौंदयथशास्त्र – सं. ज्ञानरंजन ि कमला प्रसाद पांडेय
११. सावहत्येवतहास : संरचना और स्िरूप – डॉ. सुमन राजे
१२. आधुवनक मनोविज्ञान वजज्ञासा – डॉ. र्ंर्ाधर झा
१३. अथातो सौंदयथ वजज्ञासा – डॉ. रमेशक ुं तल मेघ
१४. यथाथथिाद – डॉ. वशिक ु मार वमश्र
१५. सा वहत्य क े समाजशास्त्र की िूवमका – डॉ. मैनेजर पांडेय
१६. सावहत्य का िावषक सचंतन – डॉ. रिींद्रनाथ श्रीिास्ति
१७. सावहत्य का समाजशास्त्र – डॉ. नर्ेंद्र
१८. सावहत्य और संस्क ृ वत क े सरोकार - डॉ. करुणाशंकर उपाध्याय
१९. िाषा और प्रोद्योवर्की – डॉ. विनोद क ु मार प्रसाद
२०. सहंदी आलोचना : समकालीन पररदृश्य – डॉ. क ृ ष्णदि पालीिाल
२१. मीवडया और समाज – लक्ष्मेंद्र चोपड़ा
२२. धमथ का ममथ – डॉ. अवखलेश वमश्र
२३. सौंदयथशास्त्र क े तत्त्ि – डॉ. क ु मार विमल
२४. नए जन माध्यम और सहंदी – डॉ. सुधीश पचौरी
२५. मार्कसथिादी, समाजशास्त्रीय और ऐवतहावसक आलोचना – डॉ. पांडेय शवशिूषण ‘शीतांशु’
२६. कथा, पटकथा, संिाद – डॉ. हूबनाथ पांडेय
२७. वसनेमा, समाज और सावहत्य – डॉ. हूबनाथ पांडेय
२८. जनसंचार और मीवडया लेखन – डॉ. दिात्रय मुरुमकर

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प्रश्न पत्र : तीन (३.२)
समकालीन समीक्षा वसद्धांत
(प्रथम सत्र ) श्रेयांक – ०४

उद्देश्य : १. सावहत्य क े मूल्यांकन आस्िादन की अद्यतन प्रिृवियों का पररचय
२. िारतीय एिं पािात्य सावहत्य सचंतन की ितथमान प्रविवधयों का सामान्य ज्ञान
३. शोधार्थथयों क े सावहवत्यक वक्षवतज का विस्तार करना

इकाई १ सावहत्य का आ स्िादन : वसद्धांत और स्िरूप श्रेयांक – ०१
१.१ सह्रदय की अिधारणा
१.२ रसानुिूवत एिं समीक्षा
१.३ स्िछंदतािादी रसानुिूवत
१.४ कलािादी रसानुिूवत
१.५ काव्यिैवशष्ट्य एिं आस्िादन

इकाई २ उिर आधुवनकता
श्रेयांक – ०१
२.१ आधुवनकता पूिथ , आधुवनकता तथा उिर आधुवनकता
२.२ उिर आधुवनकतािाद
२.२.१ ल्योतार
२.२.२ जेमसन
२.२.३ हॉबरमास
२.३ मूल्यबोध की यादृ वछछकता
२.४ िैज्ञावनक ज्ञान की सापेक्षता
२.५ िारतीय संदिथ में उिर आधुवनकता

इकाई ३ संरचनािाद और वचह्नात्मकता
श्रेयांक – ०१
३.१ सोस्यूर, िाषा विज्ञान और वचह्नमीमांसा
३.२ याकबसन तथा प्रार् प्रणाली : शैली विचार
३.३ संरचनािादी वचह्नमीमांसा
३.३.१ लेिी स्त्रॉस
३.३.२ रोलाँ बाथथ

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३.४ संरचनािादी सावहत्यशास्त्र
३.५ संरचना िाद की सीमाएँ

इकाई ४ उिर संरचनािाद
श्रेयांक - ०१
४.१ उिर संरचनािादी विचारक
४.२ विमशथ का जन्म
४.३ इवतहास, ज्ञान सृजन तथा पुरातत्ि
४.४ वमशेल फू को क े वसद्धांत
४.५ देररदा और विखंडन
प्रश्न पत्र : तीन (३.२)
समकालीन समीक्षा वसद्धांत
(वितीय सत्र ) श्रेयांक – ०४

इकाई ५ मार्कसथिाद : अद्यतन
श्रेयांक – ०१
५.१ कालथ मार्कसथ : जीिन पररचय
५.२ हेर्ल : मार्कसथिाद की नींि
५.३ मार्कसथिादी समीक्षा
५.३.१ यूरोपीय मार्कसथिाद
५.३.२ फ्रें कफटथ प्रणाली
५.३.३ संरचनािाद और मार्कसथिाद
५.४ अनुप्रयुि मार्कसथिादी समीक्षा
५.५ सहंदी में मार्कसथिादी समीक्षा

इकाई ६ मनोविश्लेषणिाद
श्रेयांक – ०१
६.१ वसग्मंड फ्रायड – मनोविश्लेषण
६.२ कालथ युंर् – सामूवहक अिचेतन
६.३ जॅक लाका – िाषा और अिचेतन
६.४ जूवलया क्रिस्तेिा – स्त्रीत्ि, िाषा और अिचेतन
६.५ अनुप्रयुि मनोविश्लेषणिाद

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इकाई ७ नारीिाद और सलंर् िेद
श्रेयांक – ०१
७.१ सलंर् िेद : अवधकार और वसद्धांत
७.२ ऐवतहावसक पृष्ठिूवम
७.३ नारीविषयक सैद्धांवतकी क े आयाम
७.४ पुरुषप्रधान सौंदयथशास्त्र और स्त्रीत्ि
७.५ नारीिादी समीक्षा का सत्य

इकाई ८ उिर उपवनिेशिाद तथा सांस्क ृ वतक समीक्षा
श्रेयांक – ०१
८.१ उपवनिेशिाद तथा उिर उपवनिेशिाद
८.२ साम्राज्य िाद और उपवनिेशिाद
८.३ उिर उपवनिेशिाद की सैंद्धांवतक पृष्ठिूवम
८.३.१ महात्मा र्ांधी
८.३.२ फ्रांटज फनॉ
८.३.३ अंतोवनयो ग्राम्शी
८.४ संस्क ृ वत, इवतहास और राजनीवत
८.५ सांस्क ृ वतक अध्ययन की सीमाएँ और सामर्थयथ



संदिथ ग्रंथ :
१. आधुवनक समीक्षा वसद्धांत – वमसलंद मालशे/ अशोक जोशी
२. आधुवनकता, उिर आधुवनकता एिं नि -समाजशास्त्रीय वसद्धांत – एस.एल.दोषी
३. उिर आधुवनकता : बहुआयामी संदिथ – शवशिूषण शीतांशु
४. आलोचना क े नये पररप्रेक्ष्य – मनोज पांडेय
५. सावहत्य-वसद्धांत – रेनेिेलेक – ऑवस्टन िारेन
६. संरचनािाद, उिर संरचनािाद एिं प्राछय काव्यशास्त्र – र्ोपीचंद नारंर्
७. पािात्य कव्यसचंतन – डॉ.करुणाशंकर उपाध्याय
८. मार्कसथिादी सावहत्य सचंतन – वशिक ु मार वमश्रा
९. मनोविश्लेषण – वसर्मंड फ्रायड
१०. यौन मनोविज्ञान – हैिलॉक एवलए
११. स्त्री उपेवक्षता – सीमोन द बोउिा

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१२. बवधया स्त्री – जमेन ग्रीयर
१३. हम सहंदुस्तानी – सुधीर कक्कड़
१४. िारतीय मध्यिर्थ की अजीब दास्तान – पिन क ु मार िमाथ
१५. कालथ मार्कसथ जीिन पररचय – शंकर दयाल वतिारी – लेफ्टिडथ बुर्कस
प्रश्नपत्र : ३ (३.३)
िारतीयता एिं िारतीय सावहत्य
प्रथम सत्र इकाई – ०४

उद्देश्य : १. िारतीयता की अिधारणा स्पष्ट करना
२. िारती य सावहत्य की अिधारणा को समझाना
३. िारतीय सावहत्य क े प्रवत रु वच विकवसत करना
४. िारतीयता की िािना को बढ़ािा देना
५. िारतीय पररिेश क े संदिथ में िारतीय सावहत्य का मूल्यांकन करना


इकाई १ िारतीयता
श्रेयांक – ०१
१.१ िारतीयता की अिधारणा और अथथ
१.२ िारतीयता की परंपरा
१.३ िारतीयता क े मूल तत्त्ि
१.४ िारतीयता और विश्वबंधुत्ि
१.५ िारतीयता और िारतीय सावहत्य

इकाई २ िारतीय सावहत्य की अिधारणा स्िरूप एिं संिािना श्रेयांक : ०१
२.१ िारतीय सावहत्य की अिधारणा
२.२ िारतीय सावहत्य का स्िरूप एिं विशेषताएँ
२.३ िारतीय सावहत्य में िारतीय मूल्य
२.४ िारतीय सावहत्य का महत्त्ि और संिािना
२.५ िारतीय सावहत्य क े अध्ययन की समस्याएँ


इकाई ३ उपन्यासों में िारतीयता श्रेयांक : ०१
३.१ िारतीय उपन्यास की अिधारणा

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३.२ िारत में उपन्यास का उद्भि और विकास
३.३ उपन्यासों में िारतीयता
३.४ िारतीय उपन्यासों की ितथमान अिस्था
३.५ प्रमुख िारतीय उपन्यासकार – संवक्षप्त पररचय

इकाई ४ प्रमुख िारती य उपन्यास श्रेयांक – ०४
४.१ ययावत (मराठी) – वि.स.खांडेकर – राजपाल प्रकाशन
४.२ मछुआरे (मलयालम) – तकषी वशिशंकर वपल्लै , सावहत्य अकादमी
४.३ अंधे घोड़े का दान (पंजाबी) – र्ुरुदयाल ससंह, सावहत्य अकादमी


प्रश्नपत्र : ३ (३.३)
िारतीयता एिं िारतीय सावहत्य
वितीय सत्र कु ल श्रेयांक : ०४

इकाई ५ िारतीय नाट्य सावहत्य श्रेयांक : ०१
५.१ िारत में नाट्यलेखन की परंपरा
५.२ िारतीय नाट्य लेखन की ितथमान वस्थवत
५.३ प्रमुख िारतीय नाट्य लेखक
५.४ िारतीय रंर्मंच : ितथमान वस्थवत
५.५ प्रमुख िारतीय नाट्य संस्थान
इकाई ६ िारतीय नाटक श्रेयांक – ०१
६.१ पर्ला घोड़ा (बाङ्ला) – बादल सरकार, लोकिारती प्रकाशन
६.२ आर्रा बाजार (उदूथ) – हबीब तनिीर, िाणी प्रकाशन
६.३ हयिदन (कन्नड) – वर्रीश कारनाड , राजकमल प्रकाशन

इकाई ७ िारतीय कविता श्रेयांक – ०१
७.१ िारतीय काव्य परंपरा
७.२ आधुवनक िारतीय कविता
७.३ प्रमुख िारतीय कवियों का सामान्य पररचय
७.४ िारतीय कविता क े मूल स्िर
७.५ िारतीय कविता की िारतीयता

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इकाई ८ िारतीय काव्य -सावहत्य श्रेयांक – ०१
८.१ रहमान राही की प्रवतवनवध कविताएँ (कश्मीरी) – सं. र्ौरीशरण रैणा, िारतीय ज्ञानपीठ
८.२ तीस कविता िषथ (उवड़या) – सीताकांत महापात्र , िारतीय ज्ञानपीठ
८.३ कविता मेरी साँस (तेलुर्ु) – डॉ. सी. नारायण रेड्डी, िारतीय ज्ञानपीठ

संदिथ ग्रंथ :
१. िारतीय सावहत्य – इंद्रनाथ चौधरी
२. िारतीय सावहत्य – संपा. डॉ. मूलचंद र्ौतम
३. िारतीय सावहत्य – डॉ. नर्ेन्द्र, प्रिात प्रकाशन
४. िारतीय सावहत्य कोश - संपा. डॉ. नर्ेन्द्र
५. िारतीय सावहत्य की पहचान – डॉ. वसयाराम वतिारी
६. िारतीय िाषाओं क े सावहत्य का रुपदशथन -लेखक, र्ौरीशंकर पंड्या
७. िारतीय सावहत्य क े इवतहास की समस्याएँ – रामविलास शमाथ
८. िारतीय सावहत्य दशथन – क ृ ष्णलाल हंस
९. िारतीय उपन्यास – संपा. जर्दीश चतुिेदी
१०. िारतीय सावहत्य की िूवमका – रामविलास शमाथ
११. अवखल िारतीय सावहत्य विविध आयाम - संपादक, सतीश क ु मार रोहरा
१२. स्िातंत्र्योिर िारतीय सावहत्य - क ें द्रीय सहंदी वनदेशालय वशक्षा वििार्
१३. िारतीय सावहत्य की सांस्क ृ वतक रेखाएँ - परशुराम चतुिेदी
१४. िारतीय िाषाओं क े सावहत्य का संवक्षप्त इवतहास - संपादन, र्ोपाल शमाथ
१५. आज का िारतीय सावहत्य – सहंदी अनुिाद, प्रिाकर माचिे
१६. िारतीय उपन्यास कथासार – प्रबंध संपा. डॉ. प्रिाकर माचिे
१७. ज्ञानपीठ पुरस्कार – संपा. रिींद्र कावलया
१८. िारतीयता की ओर – पिनक ु मार िमाथ
१९. िारतीय परंपरा क े मूल स्िर – डॉ. र्ोसिंदचंद पांडेय
२०. हम सहंदुस्तानी – सुधीर कक्कड़
२१. िारतनामा – सुनील वखलनानी
२२. उदूथ सावहत्य का इवतहास – बाबूराम सर्कसेना
२३. िारतीय सावहत्य का समेक्रकत इवतहास – सं. डॉ. नर्ेंद्र

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प्रश्नपत्र : ३ (३.४)
आधुवनक विश्व सावहत्य
प्रथम सत्र कु ल श्रेयांक : ०४
उद्देश्य : १. विश्व सावहत्य से पररचय कराना
२. सावहत्य तथा मानिीय संिेदनाओं की सािथिौवमकता स्पष्ट करना
३. सावहवत्यक स्तर पर विद्या र्थथयों क े बौवद्धक वक्षवतज का विस्तार करना
४. सावहत्य क े माध्यम से विश्व मानि की अिधारणा स्पष्ट करना

इकाई १ : विश्व सावहत्य की अिधारणा श्रेयांक : ०१
१.१ विश्व सावहत्य की रूपरेखा
१.२ विश्व सावहत्य और तुलनात्मक सावहत्य
१.३ विश्व सावहत्य और सांस्क ृ वतक अध्ययन
१.४ विश्व सावहत्य का ऐवतहावसक संदिथ

इकाई २ : आधुवनक विश्व की प्रमुख प्रिृवियाँ श्रेयांक : ०१
२.१ िर्थ संघषथ (Class Conflict)
२.२ िणथ संघषथ (Racial Conflict)
२.३ लैंवर्कता (Gender)
२.४ अंतराथष्ट्रीयतािाद

इकाई ३ : आधुवनक अमरीकी सावहत्य श्रेयांक : ०१
३.१ आधुवनक अमरीकी सावहत्य : एक पररचय
३.२ एकांत क े सौ िषथ – र्ावब्रयल र्ार्शथया माखेज , राजकमल प्रकाशन

इकाई ४ : आधुवनक योरोपीय सावहत्य श्रेयांक : ०१
४.१ आधुवनक योरोपीय सावहत्य : एक पररचय
४.२ हैमलेट – शेर्कसपीयर, विश्वबुर्कस प्रकाशन






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प्रश्नपत्र : ३ (३.४)
आधुवनक विश्व सावहत्य
वितीय सत्र कु ल श्रेयांक : ०४
इकाई ५ आधुवनक विश्व की प्रमुख प्रिृवियाँ श्रेयांक : ०१
५.१ नारीिाद
५.२ प्रिासी सावहत्य
५.३ अवस्तत्ििाद
५.४ उपवनिेशिाद
इकाई ६ आधुवनक रूसी सावहत्य
श्रेयांक : ०१
६.१ रूसी सावहत्य : एक पररचय
६.२ माँ – मैवर्कसम र्ोकी, प्रर्वत प्रकाशन
इकाई ७ आधुवनक अफ्रीकन सावहत्य श्रेयांक : ०१
७.१ आक्रफ्रकन सावहत्य : एक पररचय
७.२ फौज़ी लड़की याँ तथा अन्य कहावनयाँ – वचनुआ अचेबे, राजकमल प्रकाशन
इकाई ८ आधुवनक एवशयाई सावहत्य
श्रेयांक : ०१
८.१ एवशयाई सावहत्य : एक पररचय
८.२ बस्ती – इंतजार हुसैन, राजकमल प्रकाशन
संदिथ :
१. सावहत्य वसद्धांत – रेनेिेलेक आवस्टन िारेन – अनु.बी.एस.पालीिाल
२. विश्व सावहत्य की रूपरेखा – िर्ितशरण उपाध्याय
३. विश्व इवतहास की झलक – पं. जिाहरलाल नेहरू
४. तुलनात्मक सावहत्य – डॉ. नर्ेंद्र
५. सांस्क ृ वतक और राजनीवतक सचंतन क े बुवनयादी सरोकार – अंतोवनयो ग्राम्शी
६. अवस्तत्ििाद : क्रकक थ र्ादथ से कामू तक – योर्ेंद्र शाही
७. शब्द – ज्याँ पाल साथथ
८. मार्कसथिाद – यशपाल
९. स्त्री उपेवक्षता – वसमोन द बोउआ
१०. आधुवनक पररिेश और अवस्तत्ििाद – डॉ. वशिप्रसाद ससंह
११. बवधया स्त्री – जमेन ग्रीयर
१२. पहला आदमी – अल्बैर कामू

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प्रश्नपत्र : ३ (३.५)
रंर्मंच वसद्धांत
प्रथम सत्र कु ल श्रेयांक : ०४
उद्देश्य : १. रंर्मंच क े व्या िहाररक स्िरूप से पररचय कराना
२. विविन्न रंर्विधाओं का स्िरूप स्पष्ट करना
३. सहंदी रंर्मंच की ितथमान वस्थवत से अिर्त कराना
४. लोकवप्रय रंर्कर्मथयों तथा नाट्य संस्थाओं का पररचय प्राप्त करना
५. रंर्मंच क े प्रवत शो धार्थथयों की अविरुवच जार्ृत करना
इकाई १ िारतीय नाट्यरूप श्रेयांक : ०१
१.१ रूपक तथा उसक े िेद
१.२ एकांकी
१.३ काव्य नाटक
१.४ रेवडयो नाटक
१.५ नुक्क ड़ नाटक
इकाई २ पािात्य नाट्यरूप श्रेयांक : ०१
२.१ ट्रेजडी
२.२ कॉमेडी
२.३ ऑपेरा
२.४ मेलोड्रामा
२.५ फासथ
इकाई ३ नाट्यतत्ि श्रेयांक : ०१
३.१ नाटक और रंर्मंच अंत :संबंध
३.२ दृक श्राव्य समायोजन
३.३ नाट्यानुिूवत
३.४ रंर्ानुिूवत
३.५ रंर्मंच योजना
इकाई ४ रंर्कमथ श्रेयांक : ०
४.१ नाट्य लेखक
४.२ वनदेशक
४.३ अविनेता
४.४ ध्िवन-प्रकाश योजना ४.५ नेपर्थय

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प्रश्नपत्र : ३ (३.५)
रंर्मंच वसद्धांत
वितीय सत्र कु ल श्रेयांक : ०४

इकाई ५ पारंपररक रंर्मंच श्रेयांक : ०१
५.१ रामलीला -रासलीला
५.२ नौटंकी
५.३ वबदेवसया
५.४ िाँड़
५.५ स्िांर्

इकाई ६ आधुवनक सहंदी रंर्मंच श्रेयांक : ०१
६.१ पारसी वथयेटर
६.२ िारतेन्दुकालीन रंर्मंच
६.३ इप्टा
६.४ पृर्थिी वथयेटर
६.५ नया वथयेटर (हबीब तनिीर)

इकाई ७ मुंबई क े रंर्मंच श्रेयांक : ०१
७.१ एकजुट
७.२ यात्री
७.३ मोटली
७.४ अंक
७.५ रंर्ायन

इकाई ८ प्रमुख रंर्कमी श्रेयांक : ०१
८.१ पं. सत्यदेि दूबे
८.२ इब्राहीम अल्काजी
८.३ ब. ि. कारंत
८.४ श्यामानंद जालान
८.५ क्रदनेश ठाक ु र

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संदिथ ग्रंथ :
१. रंर्मंच – बलिंत र्ार्ी
२. रंर्मंच कला और दृवष्ट – र्ोसिंद चातक
३. रंर्दशथन – नेवमचंद जैन
४. रंर्मंच देखना और जानना – लक्ष्मीनारायण लाल
५. िरत और िारतीय नाट्यकला – सुरेंद्रनाथ दीवक्षत
६. नाट्यशास्त्र विश्वकोष – राधािल्लि वत्रपाठी
७. रंर्कमथ – िीरेंद्र नारा यण
८. रंर्-स्थापत्य – एच.िी.शमाथ
९. िारतीय और पािात्य रंर्मंच – सीताराम चतुिेदी
१०. नाटक र्कया है – श्यामानंद जालान
११. पारंपररक िारतीय रंर्मंच – कवपला िात्स्यायन
१२. परंपराशील नाट्य – जर्दीशचंद्र माथुर
१३. कहानी का रंर्मंच – देिेंद्र राज अंक ु र
१४. पारसी सहंदी रंर्मंच – लक्ष्मीनारायण लाल
१५. नाट्यसम्राट पृर्थिीराज कपूर – जानकी िल्लि शास्त्री
१६. आधुवनक सहंदी नाटक और रंर्मंच – लक्ष्मीनारायण लाल
१७. समकालीन सहंदी नाटक और रंर्मंच – नरेंद्र मोहन
१८. पहला रंर् – देिेंद्र राज अंक ु र
१९. आधुवनक सहंदी नाटक और रंर्मंच – नेवमचंद जैन
२०. विखारी ठाक ु र : िोजपुरी क े िारतेंदु – िर्ित प्रसाद वििेदी
२१. क ं टेम्प्ररी इंवडयन वथएटर : इंटरव्युज़ विद प्लेराइट्स एंड डायरेर्कटसथ – संर्ीत नाटक अकादमी
२२. वथएटसथ ऑफ इंवडपेंडेंस – अपणाथ िार्थि धारिाडकर










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प्रश्नपत्र : ३ (३.६)
क्रकन्नर अध्य यन
प्रथम सत्र कु ल श्रेयांक : ०४
उद्देश्य : १. क्रकन्नर समस्या का वनदान प्रस्तुत करना
२. क्रकन्नर समाज क े प्रवत जार्रूकता वनमाथण करना
३. हावशए पर वस्थत समाज को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास कर
४. शोधार्थथयों को क्रकन्नर अध्य यन क े प्रवत संिेदनशील और सजर् बनाना

इकाई १ क्रकन्नर श्रेयांक : ०१
१.१ अिधारणा एिं स्िरूप
१.२ क्रकन्नर का जीि विज्ञान
१.३ क्रकन्नर का समाजशास्त्र
१.४ क्रकन्नर : इवतहास
१.५ क्रकन्नर और सावहत्य

इकाई २ क्रकन्नर अध्ययन क े आयाम श्रेयांक : ०१
२.१ मनोिैज्ञावनक
२.२ पाररिाररक
२.३ आर्थथक
२.४ राजनीवतक
२.५ सांस्क ृ वतक

इकाई ३-४ क्रकन्नर सावहत्य श्रेयांक : ०२
३.१ मैं वहजड़ा...मैं लक्ष्मी – लक्ष्मीनारायण वत्रपाठी , िाणी पेपरबैर्कस
४.१ सजंदर्ी- ५०-५० – िर्िंत अनमोल – राजपाल प्रकाशन








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प्रश्नपत्र : ३ (३.६)
क्रकन्नर अध्य यन
वितीय सत्र कु ल श्रेयांक : ०४

इकाई ५ क्रकन्नर जीिन श्रेयांक : ०१
५.१ क्रकन्नर पूिथ अिस्था
५.२ क्रकन्नर समाज
५.३ क्रकन्नर संस्कार
५.४ क्रकन्नर र्ुरु
५.५ क्रकन्नर पिथ एिं उत्सि

इकाई ६ इक्कीसिीं सदी में क्रकन्नर श्रेयांक : ०१
६.१ क्रकन्नर और वशक्षा
६.२ क्रकन्नर और नार्ररक अवधकार
६.३ क्रकन्नर और अपराध
६.४ क्रकन्नर स्िास्र्थय
६.५ क्रकन्नर और वसनेमा

इकाई ७-८ क्रकन्नर सावहत्य श्रेयांक : ०२
७.१ तीसरी ताली – प्रदीप सौरि – िाणी प्रकाशन
८.१ अवस्तत्ि – वर्ररजा िारती - विकास प्रकाशन

संदिथ ग्रंथ :
१. थडथ जेंडर और सावहत्य – डॉ. एम. क्रफरोज़ खान
२. र्ुलाम मंडी –वनमथला िुरावड़या
३. वसनेमा की वनर्ाह में थडथ जेंडर – डॉ. एम. क्रफरोज़ खान
४. थडथ जेंडर विमशथ – शरद ससंह
५. थडथ जेंडर : आत्मकथा और जीिन संघषथ – डॉ. एम. क्रफरोज़ खान
6. Human Rights of the third gender in India - Lopamudra Sengupta
8. Life of A Eunuch – Dr. Piyush Saxena


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